Shark Tank India में इस Startup के लिए भिड़ गए थे जज, पीयूष ने ऑफर कर दिया था Blank Cheque, 15 महीने में 10 गुना हुआ Revenue
Written By: अनुज मौर्या
Mon, May 27, 2024 04:50 PM IST
हाल ही में नमिता थापर (Namita Thapar) ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक पोस्ट किया था, जिसमें उन्होंने बताया है कि पैडकेयर (Padcare) ने कितनी तरक्की कर ली है. शार्क टैंक इंडिया (Shark Tank India) में आ चुके इस स्टार्टअप (Startup) को लेकर नमिता थापर हमेशा ही बहुत उत्साहित रहती हैं. जब यह स्टार्टअप शार्क टैंक में आया था, उस वक्त इसमें पैसा लगाने के लिए शार्क आपस में भिड़ गए थे. पीयूष बंसल (Peyush Bansal) ने तो कंपनी के फाउंडर आंजिक्य धरिया (Ajinkya Dhariya) को ब्लैंक चेक (Blank Cheque) ऑफर कर दिया था.
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15 महीने में 10 गुना हुआ रेवेन्यू
नमिता थापर ने इंस्टाग्राम पर लिखा कि करीब 18 महीने पहले जब उन्होंने कंपनी में निवेश किया था, उस वक्त सालाना 1 करोड़ रुपये का रेवेन्यू था. वहीं वित्त वर्ष 2024 में यानी आज से करीब 15 महीने पहले 31 मार्च 2024 तक कंपनी ने 10 करोड़ रुपये की सेल्स हासिल कर ली है. इसमें भी कंपनी ने 7 फीसदी का मुनाफा दर्ज किया है. इतना ही नहीं, वित्त वर्ष 2025 के लिए कंपनी के पास 22 करोड़ रुपये का ऑर्डर पहले से ही है.
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हिल गए थे शार्क, अमन ने कहा 'पैडमैन'
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पीयूष बंसल ने दिया ब्लैंक चेक
अपने स्टार्टअप के लिए आंजिक्य ने 25 करोड़ रुपये के वैल्युएशन पर 2 फीसदी इक्विटी के बदले 50 लाख रुपये मांगे थे. इस पर सबसे पहले उन्हें पीयूष बंसल ने ऑफर दिया और 4 फीसदी इक्विटी के बदले 1 करोड़ रुपये तक देने के लिए तैयार हो गए. जब बाकी शार्क भी डील देने लगे तो पीयूष बोले आपको जिस भी वैल्युएशन पर जितने पैसे चाहिए ले लो. यहां तक कि पीयूष ने आंजिक्य के पास जाकर उन्हें ब्लैंक चेक तक दे डाला.
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आखिरकार मिली 4 शार्क डील
अनुपम मित्तल ने पहले 4 फीसदी के बदले 1 करोड़ देने का ऑफर दिया और फिर 2 फीसदी इक्विटी के बदले 50 लाख रुपये का ऑफर दिया. वहीं विनीता और नमिता ने साथ मिलकर 1 फीसदी इक्विटी के बदले 25 लाख रुपये और बाकी का 25 लाख रुपये बिना किसी ब्याज के कर्ज की तरह देने का ऑफर दिया. हालांकि, अमन गुप्ता इस डील से बाहर रहे. आखिरकार आंजिक्य को 4 शार्क डील मिली और 4 फीसदी इक्विटी के बदले 1 करोड़ रुपये की फंडिंग उठाई.
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क्या करता है ये स्टार्टअप?
यह स्टार्टअप सैनिटरी पैड को डिस्पोज करने की सेवा देता है. इसके लिए यह स्टार्टअप कंपनियों के वॉशरूम में अपने ट्रैश बिन लगाता है और वहीं से सीधे सैनिटरी पैड जमा कर लेता है. इसके बाद इसे एक बड़ी मशीन के जरिए प्रोसेस किया जाता है. इसके तहत पैड से पल्प और प्लास्टिक इंडस्ट्री में इस्तेमाल के मकसद से अलग किया जाता है. इस स्टार्टअप के काम से सभी शार्क बहुत प्रभावित हुए थे.
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